Groww Application क्या है ? इसका इश्तेमाल कैसे करे ?
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी लोगो का mrohiblog पर। आज की इस Post के माध्यम से में आपको बताने वाला हूँ की ये Groww Application क्या है ? और इसका उपयोग कैसे करे ? दोस्तों अगर आप Groww Application के बारे में जानना चाहते हो तो ये Post आपके लिए उपयोगी है। तो आज की इस Post को आप सभी लोग ध्यान से पढ़ना,
Groww Application क्या है ?
दोस्तों Groww एक ऐसा Android Application है जिसके मदद से आप लोग Mutual Funds के अंदर पैसे Invest कर सकते हो और अच्छा Returns वापस पा सकते हो। दोस्तों इस Application को इतनी सरलता से बनाया गया है की अगर आप कोई Investment करते हो तो दोस्तों आप उसका Analytics बड़ी आसानी से देख सकते होऔर समझ हो।
इस Application में आप सभी लोगो को हर प्रकार के Mutual Funds की Categories मिल जाती है जिसकी मदद से आप अपने हिसाब के Mutual Fund में Investment कर सकते हो और अच्छे Returns पा सकते हो। दोस्तों इस Application में आपको High Risk,Low Risk और Metarnary Risk सभी चीजों को आपको आसानी से बताया गया है।
Groww Application में Registration कैसे करे ?
दोस्तों Groww Application में Account बनाने के लिए आपको कुछ जरूरी Documents चाहिए होंगे जैसे :
- Aadhar Card
- Pan Card
- Bank Details
- G-mail
- Internet Banking [बेहद जरुरी ]
दोस्तों Groww Application में आपको Registration करने के लिए सबसे पहले आपको इस Application को आपको Play Store की सहायता से Download करना है जिसे आप इस Link पर Click करके भी Download कर सकते हो https://play.google.com/store/apps/details?id=com.nextbillion.groww
दोस्तों Application को Download करने के बाद आपको जो मैंने Documents बताये वो आपसे मांगे जायेंगे तो आपको डाल देने है फिर आपका सफलता से Account बन जायेगा।
दोस्तों इस Application के जो पैसे होते है दोस्तों वो पैसे सिर्फ आप सभी लोग Net Banking के जरिए ही ले सकते हो इसलिए ये इस Application की थोड़ी गलत बात है।
क्या ये Application Safe है ?
जी हा दोस्तों ये Application बिलकुल Safe है क्युकी दोस्तों इस Application को SEBI [Securities and Exchange Board of India ] द्वारा आयोजित किया गया है। ये Application दिसंबर 2017 में आया था। ये भारत का सबसे अच्छा और तेजी से बढ़ने वाला Mutual Fund Application है।
दोस्तों Application में आप सभी लोग आसानी से पैसो को Invest कर सकते हो और अच्छे पैसो का Returns वापस ले सकते हो बिना किसी खतरे के ये Application 100% Safe है।
धन्यवाद दोस्तों आशा करता हूँ की आप सभी लोगो को इस Post के माध्यम से जानकारी मिली होगी जिससे आप सभी लोगो को फायदा पंहुचा होगा।
म्यूचुअल फंड में आप कैसे कर सकते हैं निवेश?
Mutual Fund के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको किसी ब्रोकर/वितरक को कमीशन नहीं देना पड़ता.
क्या आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) में निवेश करते हैं? निवेश करने से पहले (Mutual Fund) को जान लेना बहुत जरूरी है. इससे आपको निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी.
आइए जानते हैं क्या है म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)? हम आपको यह भी बता रहे हैं कि आप Mutual Fund में कैसे निवेश कर सकते हैं?
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियां निवेशकों से paisa batorti hai. इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं. इसके बदले Mutual Fund निवेशकों से comesan leta hai हैं.
जो लो ..jo log shara bajar me nivesh karne ke bare me nhe jante unke liy (Mutual Fund) achha hai niveshk apne वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Fund स्कीम चुन सकते हैं.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में कैसे करें निवेश?
आप किसी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं.
अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं
अगर आप सीधे निवेश करना चाहते हैं तो आपको उस म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा. आप उसके दफ्तर में भी अपने दस्तावेज के साथ जा सकते हैं.
Mutual Fund के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. इस तरीके से Mutual Fund में निवेश करने में एक दिक्कत यह है कि आपको खुद रिसर्च करना पड़ता है.
देश में कितने तरह के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं?
- इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
- डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund )
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे निवेश शेयरों में करती हैं. छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलती है. इस तरह की Mutual Fund स्कीम में nivesh se aapka ritran es bat par nirbhar karta है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है.
जिन niveshko ka वित्तीय लक्ष्य 10 साल bad pura hona ha, वे इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी Mutual Fund स्कीम के भी 10 अलग प्रकार हैं.
डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
ये Mutual Fund स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं. पांच साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है. ये Mutual Fund स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund)
ये Mutual Fund स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं. इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है. हाइब्रिड Mutual Fund स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है.
सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम (Solution Oriented Mutual Fund )
Solution Oriented Mutual Fund स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं. इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) के चार्ज
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) स्कीम में होने वाले सभी खर्च को एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं. एक्सपेंस रेश्यो से आपको यह पता लगता है कि किसी Mutual Fund के प्रबंधन में प्रति यूनिट क्या खर्च आता है. आम तौर पर एक्सपेंस रेश्यो किसी Mutual Fund स्कीम के साप्ताहिक नेट एसेट के औसत का 1.5-2.5 फीसदी होता है.
म्यूचुअल फंड स्कीम से इस तरह निकाल सकते हैं पैसा
म्यूचुअल फंड्स इसलिए ज्यादातर निवेशकों को पंसद आते हैं क्योंकि इसमें निवेशकों का पैसा जल्दी उनके बैंक खाते में वापस आ जाता है. इसके लिए आपको म्यूचुअल फंड कंपनी के पास आवेदन करना पड़ता है.
म्यूचुअल फंड यूनिट्स को भुनाने का क्या तरीका है ?
अगर आप म्यूचुअल फंड्स स्कीम की यूनिट्स को भुनाने चाहते हैं तो यह काम आप किसी भी कारोबारी दिन कर सकते हैं. आप खुद म्यूचुअल फंड्स के दफ्तर में जाकर ये काम कर सकते हैं. इसके लिए आपको ट्रांजेक्शन स्लिप भरने की जरूरत पड़ेगी. जिसे आप फंड हाउस की बेवसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं या अकाउंट स्टेटमेंट के नीचे दी गई स्लिप को भरकर फंड हाउस को भेज सकते हैं.
रिडम्पशन एप्लीकेशन किसी भी फंड हाउस के देशभर में फैले ऑफिस केन्द्र में भरके जमा की जा सकती है. कई फंड ऑफिस अपनी बेवसाइट के जरिये यूनिट भुनाने का विकल्प मुहैया कराती हैं. अगर आपने ऑनलाइन पोर्टल के जरिये निवेश किया है तो आपको अपनी यूनिट ऑनलाइन ही भुनानी पड़ेंगी.
यूनिट्स को भुनाने में कितना पैसा मिलेगा?
अपने निवेश की वैल्यू की गणना करना आसान है. जिस दिन आप इसे भुनाना चाहते हैं उस दिन स्कीम की यूनिट के एनएवी से कुल यूनिट की संख्या को गुणा करने पर हमें निवेश की वैल्यू का पता चल जाता है. हालांकि यह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है.
1-एग्जिट लोड अगर कोई है
2-वास्तविक एनएवी इस बात पर निर्भर करेगी कि आप के यूनिट भुनाने के आवेदन के वक्त स्कीम की एनएवी क्या चल रही है. उदाहरण के लिए अगर आप किसी कारोबारी दिन के कट-ऑफ टाइम से पहले यूनिट्स भुनाने का आवेदन डालते हैं तो आपको उस दिन एनएवी के आधार पर पैसे मिलेंगे. 3-सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) जैसा कि इक्विटी ओरिएंटेज स्कीम्स पर लागू होती है
3-सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) जैसा कि इक्विटी ओरिएंटेज स्कीम्स पर लागू होती है किस समय आपको पैसा मिलेगा ? लिक्विड या डेट आधारित यूनिट्स को भुनाने में एक या दो कारोबारी दिन लगते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को भुनाने में 4-5 दिन लग जाते हैं
किस समय आपको पैसा मिलेगा ?
लिक्विड या डेट आधारित यूनिट्स को भुनाने में एक या दो कारोबारी दिन लगते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को भुनाने में 4-5 दिन लग जाते हैं
यूनिट भुनाने में कौन से चार्ज चुकाने पड़ते हैं
सामान्य तौर पर इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड्स स्कीम में एक फीसदी का एग्जिट लोड लगता है . यह तब लगता है जब एक साल से पहले यूनिट भुनाने जा रहे हों. कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम को भुनाने में कोई एग्जिट लोड नहीं लगता है जैसे कि लिक्विड और अल्ट्रा शार्ट टर्म फंड्स. इसलिए अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को एक साल से पहले भुनाना चाहते हैं आपकी एनएवी से एग्जिट लोड काटा जाएगा.
सीधे बैंक खाते में जाता है पैसा
भुनाई गई एनएवी का पैसा सीधे निवेशकों के बैंक खाते में जाता है. निवेशकों को बैंक का आईएफएससी कोड देना होता है. बैंक की ब्रांच आरटीजीएस एनईएफटी से जुड़ी होनी चाहिए. अगर फंड हाउस के पास पूरा बैंक खाते का डिटेल्स नहीं है तो ऐसे निवेशकों को फंड हाउस चेक भेजते हैं.
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